कोरोना पर रामबाण साबित हो रहा यह 'काढ़ा' News by ZEE Rajasthan
आज संपूर्ण विश्व की मानव जाति कोविड-19 वैश्विक महामारी के महासंकट से पीड़ित एवं चिंतित है. ऐसे में मानव शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना आज के समय की आवश्यकता है. इस समय प्रकृति में पौधों पर आधारित वैदिक कालीन आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान सदियों से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह कर रहा है. इस संकट के समय में श्री भंवरलाल दूगड़ आयुर्वेद विश्व भारती महाविद्यालय की रसायनशाला ने ऐसा प्रत्यक्ष रूप से प्रमाणित कर दिखाया है. यह आयुर्वेद महाविद्यालय ब्रह्मलीन संत स्वामी श्री रामशरण जी महाराज के द्वारा 1955 ई. को चूरू जिले के सरदारशहर कस्बे में स्थापित गांधी विद्या मंदिर द्वारा संचालित है.
इस रसायनशाला ने सर्वज्वरहर एंटीवायरल चूर्ण का निर्माण ही नहीं किया अपितु मानव कल्याण के लिए सरदारशहर तहसील में आज तक 3 लाख 75 हजार लोगों को वायरस के संक्रमण से रोकथाम एवं शरीर की प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए निःशुल्क वितरण किया है. गांधी विद्या मंदिर ने 16 मार्च, 2020 से ही इस पुनीत कार्य का शुभारंभ किया गया,
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